एग्री-क्लीनिक एवं एग्री-बिजीनस सेन्टर
Agri-Clinics & Agri- Business Centres
योजना के उद्देश्य
v अपने क्षेत्र के किसानो को जानकारी एवं दूसरी सेवाये को मुफ्त या कीमत
लेकर उनकी आवश्यकता अनुसार उनके बजट के अनुसार उपलब्ध कराना.
v कृषि का विकास करना
v तथा बेरोजगार कृषि आदि के स्नातक को रोजगार का अवसर प्रदान करना
संकल्पना या परिभाषा –
v एग्री-क्लीनिक- इसमें किसानो को मृदा स्वास्थ्य, पौंध सरंक्षण
आदि सेवाये का बिज़नेस स्थापित करना इसके
अन्तरगत आता है.
v एग्री बिजीनेस सेन्टर – इसमें व्यापारिक यूनिट की स्थापना प्रशिक्षित
लोगो दयारा की जाती है.
प्रशिक्षण के लिए योग्यता
· कृषि या अलाइड विषय( वेटेरिनरी-पशु चिकित्सा , फिशरी- मछली पालन आदि )
में स्नातक.
· कृषि या अलाइड विषय में स्नातक या स्नाकोत्तर डिप्लोमा.
· स्नातक या स्नाकोत्तर डिप्लोमा जिसमे 60 % विषय की पढाई कृषि या अलाइड
विषय में हो.
· एग्रीकल्चर में 12 वी पास हो तथा उसके अंक 55% से ज्यादा हो.
प्रशिक्षण एवं उसका खर्चा
यह उम्मीदवार के स्वयं के राज्य में नेशनल ईन्सीटूट ऑफ़ एग्रीकल्चर
एक्सटेंशन मैनेजमेंट के दयारा हर राज्य में नोडल ट्रेनिंग इंस्टीटूट स्थापित करके
ट्रेनिंग दी जाती है और उम्मीदवार को एग्री-क्लीनिक एवं एग्री-बिजीनस सेन्टर
स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
ट्रेनिंग का रहने, खाने आदि का खर्चा “manage” के दयारा उठाया जाता
है.
उम्मीदवार के चुनाव की प्रक्रिया
v नेशनल ईन्सीटूट ऑफ़ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन मैनेजमेंट (MANAGE) एवं नोडल ट्रेनिंग
इंस्टीटूट दयारा जिले के समाचार पत्र में ट्रेनिंग का विज्ञापन दिया जाया है.
v अप्लाई करने के बाद जो आवेदन आते है उनका निरिक्षण करने के बाद योग्य
उम्मीदवार का साक्षात्कार किया जाता है
ट्रेनिंग प्रोग्राम – यह दो महीने का प्रोग्राम है जिसमे उम्मीदवार को उद्धमी बनाया जाता
है. यह ट्रेनिंग नोडल ट्रेनिंग इंस्टीटूट के विशेषज्ञो एवं क्षेत्र में उपिस्थित
विशेषज्ञो दयारा दी जाती है.
ट्रेनिंग के बाद उम्मीदवार को सर्टीफिकेट दिया
जाता है
ऋण सहायता
ट्रेनिंग के बाद उम्मीदवार को लोन के लिए प्रोजेक्ट बनाकर बैंक को
प्रस्तुत किया जाता है एवं ऋण उपलब्ध कराया जाता है.
ऋण की सीमा- एक उम्मीदवार के लिए 20 लाख तक एव 5 लोगो के समूह को जिसमे एक MBA
किया हो को 1 करोड़ तक का लोन दिया जाता है.
उम्मीदवार के लिए प्रोजेक्ट की लागत का 10 % का मार्जिनल धन स्वयं का
होना चाहिए.
ऋण का भुगतान एवं अनुदान
ऋण का भुगतान 5-10 साल के अन्दर करना होता है.
इसमें से ऋण का 44%
अ.ज.जा./अ.जा. जातिवर्ग एवं नार्थ इस्ट एव. पहाड़ी क्षेत्रो के लिए
एवं बाकि
सभी के लिए 36% अनुदान/छूट (सब्सिडी) रहती है.
एग्री-क्लीनिक एवं एग्री-बिजीनस सेन्टर के अन्दर आने वाले व्यवसाय
कृषि विस्तार कंसलटेंसी सेवाये. मृदा एवं जल परीक्षण लैब. पौंध
सरंक्षण सेवाये. माइक्रो प्रोपेगेसन यूनिट. कस्टम हाईरिंग सेन्टर. बीज उत्पादन
एवं प्रोसेसिंग यूनिट. केचुआ उत्पादन यूनिट. बायो फर्टिलाईजर एवं बायो
पेस्टीसाइड उत्पादन यूनिट. मधुमक्खी पालन. कृषि बीमा सेवाये. कृषि पत्राचार, एग्री
पर्यटन, मुर्गी एवं मछली की अंडा उत्पादन यूनिट
(hatchery), पशुचिकित्सा की डिस्पेंसरी, सूचना तकनीकि का किओस्क, आहार
का उत्पादन, मार्केटिंग एंड टेस्टिंग यूनिट, कोल्ड स्टोरेज, पोस्ट हार्वेस्ट
मैनेजमेंट सेन्टर धातु व अधातु के भण्डारण की सरंचनाये, उधानिकी की नर्सरी, सब्जी
उत्पादन एवं मार्केटिंग, खेती के आदान (खाद बीज , दवाई ) का उत्पादन एवं मार्केटिंग,
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग , फसल उत्पादन व प्रदर्शन, मशरूम उत्पादन, सुगन्धित व
मेडीसिनल/दवाई के पोंधो का उत्पादन प्रोसेसिंग एवं मार्केटिंग, डेरी मुर्गीपालन
सूअर पालन, मछली पालन भेंड पालन, बकरी पालन, एमु पालन, खरगोश पालन आदि की यूनिट की
स्थापना करना.
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